नई दिल्ली। चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारत ने ताइवान के प्रति राजनीतिक सक्रियता के संकेत दिए हैं.
गत दिवस भारत की ओर से ताइवान के पूर्व राष्ट्रपति ली तेंग हुई के निधन पर शोक ज़ाहिर किया गया और उन्हें ‘मिस्टर डेमोक्रेसी’ शब्द से संबोधित किया.
भारत का यह बयान राजनीतिक संदर्भ से परिपूर्ण था. इसे चीन के लिए सीधे तौर पर एक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है, ख़ासतौर पर उस समय में जबकि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विवाद चल रहा है.
ली ताइवान के पूर्व राष्ट्रपति थे. वे साल 1988 से लेकर 2000 तक राष्ट्रपति पद पर रहे. गुरुवार को उनका निधन हो गया. वे 97 वर्ष के थे.
एक आधिकारिक बयान में भारतीय ताइपेई एसोसिएशन (ताइवान में भारत का कूटनीतिक मिशन) की ओर से कहा गया “भारतीय ताइपेई एसोसिएशन मिस्टर डेमोक्रेसी डॉ. ली तेंग हुई के निधन की इस दुख की घड़ी में ताइवान के लोगों के साथ है.
ताइवान मिशन के फ़ेसबुक अकाउंट से पोस्ट किया गया, “ली के नेतृत्व ने ताइवान में लोकतंत्र और आर्थिक समृद्धि को और गहरा बनाने में बहुत मदद की. हम ली के रिश्तेदारों, उनके परिवार वालों के प्रति पूरी संवेदना ज़ाहिर करते हैं.उनकी आत्मा को शांति मिले.”
इसकी प्रतिक्रिया में ताइवान के विदेश मंत्रालय की ओर कहा गया, “ताइवान के लोकतंत्र को एक नया रूप देने और इसे और मज़बूत बनाने में पूर्व राष्ट्रपति ली का सहयोग ऐतिहासिक रहा है. विदेश मंत्रालय भारत का शुक्रिया अदा करता है और ताइपेई एसोसिएशन के शोक व्यक्त करने के लिए धन्यवाद कहता है. हम आगे भी स्वतंत्र और लोकतांत्रिक आदर्शों को बनाए रखेंगे और भारत के साथ काम करना और इसी तरह की मानसिकता वाले दूसरे देशों के साथ मिलकर काम करते रहेंगे.”
-BBC
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