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कुलपति, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय।

कौशल के ब्रह्मास्त्र से होगा बेरोजगारी का खात्मा

गुरुग्राम : महा प्रतापी रावण को मारने के लिए भगवान रामचंद्र ने तमाम अस्त्र-शस्त्र प्रयोग किए, लेकिन अंत में विभीषण के परामर्श पर भगवान रामचंद्र ने ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर रावण का वध किया इसी तरह से बेरोजगारी रूपी रावण को मारने के लिए अभी तक बहुत से प्रयास हुए, लेकिन पूरी तरह से सफलता नहीं मिल पाई। यद्यपि अब कौशल रूपी ब्रह्मास्त्र मिल गया है, जिसके माध्यम से बेरोजगारी का खात्मा किया जा सकता है। दुनिया के विकसित देश कौशल के माध्यम से रोजगार के नए सृजन कर आगे बढ़ गए हैं, लेकिन हमारा देश इसमें अभी बहुत पीछे है। इसलिए कौशल अब हमारे लिए ब्रह्मास्त्र है। इसी ब्रह्मास्त्र के माध्यम से हम बेरोजगारी का खात्मा कर सकते हैं। हरियाणा सरकार ने इस दिशा में अपने संकल्प पर काम शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा प्रस्तुत किया गया बजट इस बात का प्रमाण है। इस बार का बजट कौशल को समर्पित है। इसलिए इसे कुशल बजट कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कौशल के लिए बजट में दिल खोलकर एलान किए हैं। मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं से कौशल को लेकर उनके दृष्टिकोण का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल इस बात को अच्छे से भांप चुके हैं की कौशल के बिना सभी युवाओं रोजगार से नहीं जोड़ा जा सकता। इसलिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कौशल को सबसे बड़े हथियार के रूप में विकसित किया है। दरअसल उनका कौशल के प्रति दृष्टिकोण पहले से ही स्पष्ट है प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की कल्पनाओं को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने सबसे पहले राजकीय कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय देश का पहला राजकीय कौशल विश्वविद्यालय है। इसी विश्वविद्यालय के माध्यम से कौशल अभियान को क्रियान्वित करने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है।

हरियाणा में कौशल के इस अभियान को क्रियान्वित करने के लिए बजट में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को अहम जिम्मेदारी दी गई है। हम इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं और इसका प्रारूप हमने बना लिया है। मुख्यमंत्री कौशल मित्र फेलोशिप योजना अपने आप में सरकार का एक महत्वकांक्षी कदम है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ जोड़कर प्रत्येक साल 1000 युवाओं को मुख्यमंत्री कौशल मित्र फैलोशिप के अंतर्गत तैयार किया जाएगा। इसके माध्यम से कौशल आवश्यकताओं के एकीकरण, कौशल प्रशिक्षण और उद्यमिता के लिए वातावरण तैयार करने में मदद मिलेगी। यह प्रदेश में चल रहे कौशल अभियान को और व्यापक और सार्थक बनाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण कदम है।

कौशल के साथ-साथ अब हमें नवीन कौशल और अतिरिक्त कौशल की ओर बढ़ना होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने हर साल 5000 युवाओं को इमर्जिंग टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षित करने का जिम्मा श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को दिया है। हम युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस, डेटा एनालिटिक्स, प्रोग्रामिंग और विद्युत वाहन बनाने के क्षेत्र में प्रशिक्षण देंगे और उनको नौकरियों के लिए तैयार करेंगे। यह प्रशिक्षण ऑनलाइन, ऑफलाइन और हाइब्रिड मोड में दिया जाएगा। यह केंद्र कंपनियों के साथ युवाओं के लिए इंटर्नशिप के अवसर भी तैयार करेगा। इन अत्याधुनिक विश्व में युवाओं को पारंगत कर रोजगार की जरूरत के अनुरूप तैयार किया जा सकेगा। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय इन उभरती प्रौद्योगिकी के विषयों पर सबसे ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहा है।

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने इनोवेटिव स्किल स्कूल खोल कर एक नई पहल शुरू की है और अब उसी तर्ज पर प्रदेश भर में इनोवेटिव स्किल स्कूल खोलने की घोषणा मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी ने बजट में की है। हरियाणा सरकार ने कौशल शिक्षा को स्कूल शिक्षा से समेकित कर एक अनूठे प्रयोग की ओर कदम बढ़ाया है। अब छठी से आठवीं तक की कक्षाओं में भी कौशल शिक्षा लागू होगी। यह स्कूल श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय से संबद्ध होंगे। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ही इन स्कूलों की फैकल्टी को कौशल प्रशिक्षण देगा। इस महत्वपूर्ण दायित्व को निभाने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं। इसके लिए हमने बाकायदा रोडमैप भी बना लिया है।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा पेश किए गए इस बजट में कौशल के माध्यम से बेरोजगारी को खत्म करने का ठोस लक्ष्य परिलक्षित होता है। युवाओं को कौशल देकर रोजगार के साथ जोड़ने की महत्वकांक्षी पहल है और साथ ही साथ प्रदेश में स्टार्टअप के और उद्यमिता के लिहाज से एक सकारात्मक वातावरण बनाने की झलक भी बजट में साफ दिखती है।

दो लाख युवाओं के कौशल प्रशिक्षण के लिए 250 करोड़ रुपए का प्रावधान सरकार की कौशल के प्रति ललक और गंभीरता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, हरियाणा कौशल विकास मिशन और हरियाणा कौशल रोजगार निगम तीनों के माध्यम से कौशल के लक्ष्यों को साधने की योजना बनाई है। इन तीनों के समन्वय से बड़े पैमाने पर काम हो सकेगा। पारंपरिक नौकरियों के अलावा आधुनिक उद्योग से संबंधित नौकरियों के लिए उभरती प्रौद्योगिकी के प्रशिक्षण पर भी सरकार ध्यान देगी। यह इस वक्त उद्योग के लिए सबसे बड़ी जरूरत है, क्योंकि तकनीक बड़ी तेजी से बदल रही है और आधुनिक प्रौद्योगिकी के अनुसार मानवीय संसाधन तैयार करना एक बड़ी जिम्मेदारी है। सरकार ने इस काम के लिए 250 करोड़ रुपए का प्रावधान कर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

स्वरोजगार और दूसरे लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से स्टार्ट अप की समाज में बहुत ज्यादा जरूरत है। सरकार ने इस क्षेत्र के महत्व को समझा है और इसीलिए स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय संस्थानों के सहयोग से वेंचर कैपिटल फंड स्थापित करने का प्रावधान किया है। यह वेंचर कैपिटल फंड युवाओं को 5 करोड़ रुपए तक की लागत की परियोजनाओं में उद्यमी बनने में सहायता करेगा। इसके लिए भी सरकार ने 200 करोड़ रुपए का कोष बनाया है। यह अपने आप में एक बड़ी राशि है।

नए-नए स्टार्टअप के लिए हमारे देश में बहुत सारी संभावनाएं हैं और एक सफल उद्यमी बहुत से युवाओं को न केवल रोजगार दे सकता है बल्कि उन्हें नए उद्यम खड़े करने के लिए प्रेरक भी बन सकता है। उद्यम के प्रति अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए सरकार शिद्दत से काम कर रही है। युवाओं को भी एक विजन के साथ इस अभियान से जुड़ना चाहिए उनके लिए असीम संभावनाएं।

हमारे देश से हर साल बड़ी संख्या में युवा विदेशों में जा रहे हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर अकुशल हैं और उन्हें बाहर जाकर छोटे-मोटे काम धंधे करने पड़ते हैं। इस स्थिति में उनका आर्थिक शोषण होता है। उन्हें गलत तरीके से बाहर जाने के रास्ते अख्तियार करने पड़ते हैं।

सरकार पढ़े-लिखे कुशल युवाओं को विदेशों में रोजगार के लिए तैयार करने पर भी गंभीरता से विचार कर रही है। इसमें श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को भी दायित्व दिया गया है। इसके अंतर्गत हम जर्मन, जापानी और अंग्रेजी भाषा के कोर्स करवा रहे हैं। जापानी भाषा के प्रति विद्यार्थियों का काफी रुझान है पिछले दिनों जापान के एक प्रतिनिधिमंडल ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का दौरा भी किया। दरअसल जापान में वृद्धों की देखभाल के लिए ऐसे युवाओं के बहुत ज्यादा आवश्यकता है, जो जापानी भाषा का ज्ञान रखते हों। उसी हिसाब से हम युवाओं को तैयार कर रहे हैं। विदेशों में इन भाषाओं के ज्ञाताओं की काफी मांग है। सरकार ने इन विद्यार्थियों के लिए छह लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवारों के विद्यार्थियों के लिए फॉरन लैंग्वेज सर्टिफिकेशन टेस्ट का खर्च भी खुद उठाने का फैसला लिया है। यह एक अच्छी पहल है।

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय हरियाणा सरकार की इन समस्त योजनाओं के क्रियान्वयन में अपनी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करेगा। प्रदेश में कौशल का व्यापक प्रसार और उद्यमिता के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना हमारा लक्ष्य है। पूर्ण विश्वास है बजट में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी द्वारा किए गए इन प्रावधानों के शानदार परिणाम सामने आएंगे।

बेरोजगारी को समाप्त करने के लिए कौशल रूपी ब्रह्मास्त्र तो मिल गया है। अब युवाओं को प्रशिक्षण की आवश्यकता है कि आखिर वह इस ब्रह्मास्त्र का सदुपयोग अपने व्यक्तित्व के विकास और रोजगार के लिए कैसे करें। इसका जिम्मा श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय उठाएगा।

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