विश्व रोगाणुरोधी जागरूकता सप्ताह के अवसर पर एक्सपेरिमेंटल फार्माकोलॉजी प्रयोगशाला, फार्माकोलॉजी विभाग पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ द्वारा एक ऑनलाइन व्याख्यान आयोजित किया गया था। जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समर्थित हैl
इस जागरूकता वायख्यान की शुरूआत डॉ दीक्षा सलारिया ने वर्ल्ड एंटीमाइक्रोबियल अवेयरनेस वीक पर प्रकाश डालते हुए की उसके उपरान्त आचार्य बीकाश मेधि व डॉ अजय प्रकाश ने छात्रों को एंटीबायोटिक के सही इस्तेमाल के बारे में बताया। साथ ही साथ उन्होंने दवाओं की गुणवत्ता के बारे में भी अपने विचार रखे। उसके उपरान्त युवा शोधकर्ता राजन रोल्टा ने रोगाणुरोधी जागरूकता पर छात्रों को जागरूक किया। रोल्टा का कहना है की आने वाले समय में एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस एक साइलेंट पेंडेमिक हो सकता है। रोल्टा ने कहा कि कभी भी एंटीबायोटिक का दुरुपयोग न करें, चिकित्सक की सलाह के बिना एंटीबायटिक्स न ले, और एंटीबायोटिक का कोर्स पूरा करें, केमिस्ट की सलाह पर साथ ही साथ उन्होंने ने दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में जानकारी दी और उन्होंने कहा की कभी भी दवाओं का प्रतिकूल प्रभाव हो तो आप उसे (www.eplpgi.in, 0172-2755250 (PGI AMC Centre, 1800-180-3024 toll-free no.) पर सम्पर्क कर सकते है। विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ सी बी मेहता और डॉ शवेता जी का कहना है की संजौली विश्विधालय आने वाले समय में लोगों को एंटीबायोटिक के सही इस्तेमाल पर जागरूक करेंगे है इस जागरूकता अभियान में आचार्य बिकाश मेधि, सह आचार्य अजय प्रकाश और डॉ वरुण विशेष रूप से मौजूद रहें।
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