आवाज जनादेश चुनाव डेस्क शिमला
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का समय जैसे नजदीक आ रहा है राजनीति कई करवट ले रही है। हर विधानसभा सीट पर जहां सियासी दलों की नजर रहेगी वही हर सीट पर समीकरण और परिणाम सियासी दल की लोकप्रियता , काम, उनके प्रत्याशियों की पृष्ठ भूमि , प्रत्याशी का जनता में रिपोर्ट कार्ड , किसी सीट पर प्रत्याशियों की संख्या , उनका कद , स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय मुद्दे सीट के परिणाम को प्रभावित करने वाले होते है। इन सब पर सियासी दल के चहरे का असर सबसे अधिक होता है। इसी कारण से सियासी दल अपना टिकट देते समय खूब कसरत करते है।
सियासी दलों में टिकट का दौर चल रहा है। इसी बीच शिमला जिला की ठियोग विधानसभा सीट के लिए सभी सियासी दलों और उनके टिकट आवेदकों या संभावित प्रत्याशियों का जो गुणा भाग चल रहा है उसमे कांग्रेस ने कहीं इंदू वर्मा पर अपना दाव खेला तो सभी सियासी दलों की मुश्किल बढ़ सकती है ।
कांग्रेस में इस सीट से वैसे तो टिकट के दावेदारों में पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर ,और पिछले चुनावों में सीट प्रत्याशी दीपक राठौर सहित कई नाम चल रहे हैं ।
इसके बावजूद इंदू वर्मा की जो पृष्ठभूमि हैं उसमे वह इस सीट से छह बार निर्दलीय और भाजपा के टिकट से विधायक रहे स्वर्गीय राकेश वर्मा की पत्नी है। इस परिवार के साथ विधानसभा क्षेत्र के लोगों का जुड़ाव है। इंदू वर्मा समाज सेवी है वह पंचायती राज में जिला परिषद की कई बार सदस्या रहने के कारण इन सस्थाओं के वर्तमान और पूर्व प्रतिनिधियों के साथ जुड़ी रही है । महिलाओं में उनकी विशेष पकड़ मानी जाती है। वह पहले भाजपा में थी कई कारणों से उन्होंने पिछले करीब छह महीने पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामील हुई थी । इसके बाद वह कांग्रेस के लिए काम कर रही है और ठियोग सीट से टिकट की दावेदारी भी कर रही है ।
उन पर कांग्रेस ने दाव खेल दिया तो प्रत्याशी के रूप में उनकी पिछली पृष्ठभूमि का बोनस जो मिलेगा उसका पार पाना दूसरे दलों के लिए मुश्किल हो सकता है।
ठियोग सीट से कॉम्निस्ट पार्टी के राकेश सिंघा मौजूदा विधायक और सीट से इस दल के घोषित प्रत्याशी भी है।
भाजपा से नरेश शर्मा , मदन भंडारी ,अजय श्याम, डॉ लोकेंद्र शर्मा ( रॉकी ) सहित कई चेहरे टिकट की दौड़ में शामिल है। इसके साथ ही कई अन्य सियासी दल भी इस सीट पर अपना प्रत्याशी उतरने को तैयार है।
कांग्रेस अपनी नेत्री विद्या स्टोक्स के बाद इस सीट को अभी तक अपने खाते में जमा नहीं कर सकी है। इन चुनावों में वह इस सीट पर अपना कब्जा करने की तैयारी कर रही है । जहां दूसरी तरफ भाजपा भी इस सीट के लिए कमर कस रही है वही कॉम्निसेट पार्टी सीट को बरकरार रखने के लिए उतरेगी ।
सीट पर चल रहे सियासी समीकरणों में कांग्रेस का इंदू वर्मा का दाव सभी की मुश्किल बढ़ा सकता है ।