Awaz Jana Desh | awazjanadesh.in
अंतरार्ष्ट्रीय

श्री मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर में हुआ त्रिपड़ी श्राद्ध अनुष्ठान पूजन…

 

दैनिक आवाज जनादेश- वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

त्रिपिंडी अनुष्ठान से पितरों को किया जाता है शांत : महंत जगन्नाथ।

कुरुक्षेत्र, 21 सितम्बर : अखिल भारतीय श्री मार्कंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी के सान्निध्य में बुधवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी के अवसर पर श्री मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में विधिवत मंत्रोच्चारण के त्रिपड़ी श्राद्ध अनुष्ठान एवं पूजन किया गया। यह पूजन यजमान कुलदीप सिंह, सोनी, सलिंद्र, गुरमीत कौर, संदीप कौर, मनरोज तथा आशपिंदर कौर इत्यादि ने विद्वान प. केशव शरण शास्त्री से पूरे विधिविधान के साथ सम्पन्न करवाया। अनुष्ठान पूजन के उपरांत दान इत्यादि किया गया। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि पितरों के प्रति श्रद्धा अर्पण करने का यह पर्व है। उन्होंने बताया कि श्राद्ध व पितृ पक्ष में अक्सर देखते हैं कि कई लोगों के जीवन में परेशानियां समाप्त होने का नाम ही नहीं लेती। वे चाहे जितना भी समय और धन खर्च कर लें लेकिन काम सफल नहीं होता है। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि ऐसे लोगों की कुंडली में निश्चित रूप से पितृ दोष होता है। यह दोष पीढ़ी दर पीढ़ी कष्ट पहुंचाता रहता है। इस दोष के निवारण के लिए कुछ विशेष दिन और समय तय हैं जिनमें इसका पूर्ण निवारण होता है। श्राद्ध पक्ष यही अवसर है जब पितृ दोष से मुक्ति पाई जा सकती है। इस दोष के निवारण के लिए शास्त्रों में नारायण बलि का विधान बताया गया है। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि नारायण बलि और नागबलि दोनों विधि मनुष्य की अपूर्ण इच्छाओं और अपूर्ण कामनाओं की पूर्ति के लिए की जाती है। इसलिए दोनों को काम्य कहा जाता है। उन्होंने बताया कि नारायण बलि और नागबलि दो अलग-अलग विधियां हैं। नारायण बलि का मुख्य उद्देश्य पितृ दोष निवारण करना है और नागबलि का उद्देश्य सर्प या नाग की हत्या के दोष का निवारण करना है। इनमें से कोई भी एक विधि करने से उद्देश्य पूरा नहीं होता इसलिए दोनों को एक साथ ही संपन्न करना पड़ता है। इसी प्रकार त्रिपड़ी श्राद्ध पूजन सम्पन्न होता है। इस अवसर पर दलबीर संधू, बलजीत सिंह, भाणा राम, मयूर गिरि, बिल्लू पुजारी, हरनेक सिंह,  सुखप्रीत सिंह, नाजर सिंह, अंग्रेज सिंह व सुक्खा सिंह इत्यादि भी मौजूद थे।

श्री मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर में त्रिपड़ी श्राद्ध पूजन हुए यजमान।

Related posts

ज़ाकिर का मुस्‍लिम देशों से आह्वान, भारत के गैर मुस्‍लिमों को जेल में डालें

Awaz Janadesh

पांचवा नवरात्रि को माता सिमसा में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़…

Editor@Admin

भारत में ओमिक्रोन लहर: हम क्या जानते हैं और क्या करना चाहिए?

Awaz Janadesh

Leave a Comment