दैनिक आवाज जनादेश – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
जयराम विद्यापीठ में हुआ सुंदरकांड पाठ का आयोजन।
रामजी चले ना हनुमान के बिना, हनुमान जी चले ना श्री राम के बिना आदि भजनों की हुई प्रस्तुति।
कुरुक्षेत्र, 10 सितम्बर : श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से ब्रह्मसरोवर के तट पर जयराम विद्यापीठ में सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। सर्वकल्याण की भावना से विद्यापीठ के मुख्य मंदिर में यजमान दीपक कौशिक, के.के. कौशिक, सुनीता कौशिक, पुनीत कौशिक, डोली कौशिक, पर्व एवं सुशीला कौशिक इत्यादि ने यह सुंदरकांड पाठ पूरे विधि विधान से करवाया। विद्वान शिक्षाविद डा. हिम्मत सिंह सिन्हा के मार्गदर्शन में सुंदरकांड पाठ प्रारंभ से पूर्व विद्वान ब्राह्मणों एवं ब्रह्मचारियों ने वेद मंत्रोच्चारण के साथ देवी-देवताओं का आह्वान किया। गणेश वंदना और सरस्वती वंदना के साथ हनुमान चालीसा का मनोहारी वाचन किया। तत्पश्चात सुंदरकांड पाठ की चौपाइयों का लयबद्ध वाचन किया। इस दौरान हे दुख भंजन मारुति नंदन सुन लो मेरी पुकार पवनसुत विनती बारंबार, रामजी चले ना हनुमान के बिना, हनुमान जी चले ना श्री राम के बिना आदि एक के बाद एक सुंदर भजनों की प्रस्तुति से श्रद्धालुओं को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। डा. हिम्मत सिंह सिन्हा ने बताया कि हनुमान जी जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं। वह बल, बुद्धि और कृपा प्रदान करने वाले माने जाते हैं। उन्होंने बताया कि सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति को जीवन में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं। जो भी जातक प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करता है उसकी एकाग्रता और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसे में उसके द्वारा किए जाने वाले किसी भी काम का परिणाम हमेशा सकारात्मक ही मिलता है। इसलिए हर घर में सुंदरकांड का पाठ अवश्य करने को बताया गया है। सुंदरकांड का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के अंदर से नकारात्मक शक्तियां दूर चली जाती है। सुंदरकांड पाठ के समापन पर आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर श्रवण गुप्ता, राजेश सिंगला, यशपाल राणा, सतबीर कौशिक इत्यादि भी मौजूद थे।
जयराम विद्यापीठ में सुंदरकांड पाठ उपरांत प्रसाद भेंट स्वीकार करते हुए यजमान परिवार।