दैनिक आवाज जनादेश – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
सितंबर माह को मनाया जाएगा राष्ट्रीय पोषण माह के रुप में।
जिला, उपमंडल, तहसील और आंगनबाड़ी स्तर पर 1 से 30 सितंबर तक होगा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन। आंगनबाड़ी केंद्र के दायरे में 5 घरों में स्थापित की जाएगी पोषण वाटिका। आमजन को जागरूक करने के लिए गांवों में निकाली जाएंगी प्रभात फेरियां।
कुरुक्षेत्र 1 सितंबर : उपायुक्त शांतनु शर्मा ने कहा कि बीते सालों में महिलाओं और बच्चों में कुपोषण के स्तर की खाई को पाटने में गंभीरता से काम किया गया है। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए पहली सिंतबर से 30 सितंबर 2022 तक पूरा महीना पोषण माह का आयोजन जिला भर में किया जाएगा। ऐसे में हम सबकी जिम्मेवारी बनती है कि इस कार्यक्रम को व्यापक स्तर पर आयोजित किया जाए। इस बार प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र के दायरे में पांच घरों में पोषण वाटिका स्थापित करने का संकल्प लिया गया है। पोषण वाटिका में हरी सब्जियों व फलों के पौधें लगाए जाएंगे।
डीसी शांतनु शर्मा ने बातचीत करते हुए कहा कि महिलाओं से लेकर बच्चों के पोषण में बढोतरी को लेकर देशभर में चल रहे जन आंदोलन में कुरुक्षेत्र जिला अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। इसके लिए आजादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सितंबर को पोषण माह के तौर पर मनाया जाएगा, जिसमें जिला स्तर, तहसील स्तर और आंगनबाड़ी केंद्र स्तर पर पूरा महीना कार्यक्रमों की श्रृंखला का आयोजन किया जाएगा। इस बार प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र के दायरे में पांच घरों में पोषण
वाटिका भी विकसित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि खेलो और पढो अभियान के तहत स्तनपान व अतिरिक्त पोषक तत्वों की जागरूकता, स्वस्थ माता-स्वस्थ बालक अभियान के तहत गोष्ठी का आयोजन, महिलाओं में निजी स्वच्छता को लेकर जागरूकता अभियान, पोषण के पांच सूत्र के तहत हरा भरा हरियाणा अभियान चलाया जाएगा, जिसमें आंगनवाड़ी केंद्र, विद्यालय और सरकारी भवनों में पोषण वाटिका स्थापित की जाएगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी नीतू रानी ने कहा कि पोषण माह के दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रभात फेरी भी निकाली जाएंगी, इसमें जल संरक्षण, मां की रसोई, विस्थापितों के लिए विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर, नवजात बच्चों व दूध पिलाने वाली माताओं को पोषण स्तर बढ़ाने के लिए जागरूक किया जाएगा। आंगनबाड़ी केंद्रों पर महिला गोष्ठियों, नुक्कड नाटकों के माध्यम से बच्चों की विकास वृद्धि की निगरानी, खानपान की अच्छी आदत व डाइट पर जागरूकता अभियान, लिंग भेद की खाई को पाटने, कुपोषित बच्चों को चिन्हित करते हुए स्वास्थ्य जांच शिविर, एनीमिया को खत्म करने के लिए आयुष विभाग के माध्यम से शिविरों का आयोजन और पोषण मेलों के माध्यम से स्थानीय पोषक खाने के प्रति जागरूकता लाने के कार्यक्रम आयोजित होंगे।