दैनिक आवाज जनादेश – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुरुक्षेत्र 20 अगस्त : श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के शोध व नवाचार विभाग द्वारा आधुनिक हाई प्रेशर थिन लेयर क्रोमेटोग्राही कार्यशाला का शनिवार को आयोजन हुआ। जिसमें एनक्रोम एनटरप्राईजिज को विशेषज्ञों द्वारा शोध कार्यों में आधुनिक उपकरोणों की उपयोगिता के बारे में भावी चिकित्सकों जानकारी दी गई। कुलपति डॉ. बलदेव कुमार ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। विशेषज्ञ अभिजित खेले ने बताया कि प्री-क्लिनिकल व क्लिनिकल शोध कार्यों में हाई प्रेशर थिन लेयर उपकरण बहुत ही उपयोगी सिद्ध हुआ है। किसी भी मेडिसनल हर्ब की पहचान इस उपकरण के माध्यम से आसानी से की जा सकती है। जिससे आयुर्वेदिक औषधियों की शुद्धता को प्रामाणिक रूप से डाक्यूमेंटिड किया जा सकता है। भारत सरकार का आयुष विभाग इस दिशा में इंडस्ट्री एकेडमिया कोलोब्रेशन के माध्यम से इस दिशा में लगातार काम कर रहा है। इसके साथ ही नेशनल मेडिसन प्लांट बोर्ड इस विधि के द्वारा सभी आयुर्वेदिक पौधों का मोनोग्राह तैयार कराने में प्रयासरत है। इस अवसर पर कुलपति डॉ. बलदेव कुमार ने कहा कि वर्तमान में आयुर्वेदिक औषधियों की री-वेलिडेशन आधुनिक उपकरणों द्वारा होनी बहुत आवश्यक है ताकि इन औषधियों के प्रति समाज में विश्वास पैदा हो सके। एचपीटीएलसी जैसे आधुनिक उपकरणों का ज्ञान चिकित्सकों को शोध कार्यों को प्रमाणित करने के लिए प्रेरति करेगा। शोध व नवाचार विभाग के निदेशक डॉ. अनिल शर्मा ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं विश्वविद्यालय में वर्षभर आयोजित की जाएंगी। जिससे चिकित्सकों की भावी पीढ़ी को इन आधुनिक उपकरणों के विषय में और अधिक समझ पैदा होगी। कार्यशाला के अन्त में शोध व नवाचार विभाग के वैज्ञानिक् डॉ. रजनीकांत ने एनक्रोम कंपनी से रिजनल सेल्स मैनेजर, राकेश कुमार, व सौरव आदी का धन्यवाद प्रकट किया और कहा कि विश्वविद्यालय जल्द ही केमेग कंपनी जो कि विश्व में इस उपकरण की एकमात्र निर्माता कंपनी है उसके साथ छात्र हित में एमओयू करेगा। ताकि इस टैक्नोलजी का लाभ यहां के शोधार्थी उठा सकें। इस अवसर पर डीन एकेडमिक अफेयर्स डॉ. शंभू दयाल शर्मा, प्राचार्य डॉ. देवेंद्र खुराना, डॉ. संगीता नेहरा, डॉ. सचीन शर्मा, डॉ. पीसी मंगल, डॉ. मनीष, डॉ. रविंद्र अरोड़ा, डॉ. सत्येंद्र, डॉ. सतबीर चावला और पीजी के विद्यार्थी उपस्थित रहे।