*आज सदन में चर्चा के बाद जबाब देंगे मुख्यमंत्री*
आवाज़ जनादेश/शिमला
हिमाचल विधानसभा में जयराम सरकार के पांच साल के कार्यकाल में पहली बार नियम 278 के तहत लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करवाने में विपक्ष की एकजुटता काम आ गई। विधानसभा अध्यक्ष को सदन स्थगित करने के बावजूद इस प्रस्ताव को स्वीकार करना पड़ा।जिस पर गुरुवार सुबह 11 बजे से दोपहार 3 बजे तक चर्चा होगी और सदन में मुख्यमंत्री इसका जवाब देंगे। बुधवार को मानसून सत्र के पहले दिन कार्यवाही की शुरुआत शोक उद्गार के साथ हुई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पूर्व सांसद पंडित सुखराम और तीन पूर्व विधायकों की याद में शोक प्रस्ताव रखा सदन में विधायकों ने इस पर अपने विचार रखे। यह भी अरसे बाद हुआ है कि शोक प्रस्ताव पर तीन घंटे से ज्यादा चर्चा हुई, जिसमें प्रश्नकाल भी धुल गया। बाद में प्रश्नकाल के जवाब सदन के पटल पर रखे हुए समझे गए।
शोक उद्गार के बीच ही लंच ब्रेक भी लेनी पड़ी, लेकिन जैसे ही दोपहर बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा खत्म हुई, विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष से नियम 278 के तहत दिए अभिविश्वास प्रस्ताव पर जवाब मांगा। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में अराजकता का माहौल है और सरकारी मशीनरीयां ब्रेकडाउन कर गई है। सरकारी भर्तियों में भेदभाव हो रहा है और बागवानों को कोई सुन नहीं रहा, इसलिए इस सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि उन्हें 22 कांग्रेस के विधायकों और एक माकपा विधायक की ओर से सुबह नौ बजकर 50 मिनट पर यह प्रस्ताव मिला है और इस पर वह बाद में व्यवस्था देंगे, लेकिन विपक्ष इससे सहमत नहीं हुआ और सदन में हंगामा शुरू हो गया। इसी बीच दोनों ओर से नारेबाजी भी शुरू हुई।
बीच में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने भी हस्तक्षेप करने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष 23 विधायकों का हेड काउंट करवाने पर अड़ा रहा। इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए विधायकों की हाजिरी नियम अनुसार जरूरी थी। इसी बीच इस गतिरोध को टूटता न देख विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने 15 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया। कार्यवाही दोबारा करीब 25 मिनट बाद शुरू हुई, लेकिन इस बीच विपक्ष के विधायक सदन से बाहर नहीं गए। इसी वजह से सरकार बीच में विपक्ष से वार्तालाप भी नहीं कर पाई। दोबारा सदन शुरू होने पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए एक सीमित समय विधानसभा अध्यक्ष निर्धारित कर दें। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने पहले विपक्षी विधायकों का हेडकाउंट करवाया और फिर इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। उन्होंने गुरुवार को सुबह 11 बजे से तीन बजे तक चर्चा के लिए समय तय किया है। हालांकि समय कम होने का हवाला देकर विपक्ष इसका भी विरोध करता रहा, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इससे फैसला नहीं बदला।
*सीएम बोले, मजबूत सरकार किसी चर्चा से नहीं डरती*
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष के इस रुख का सदन के भीतर ही जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायक जल्दबाजी में दिखते हैं, लेकिन जल्दबाजी से कुछ नहीं हासिल होगा। कांग्रेस में अजीब स्थिति है। आपस में प्रतिस्पर्धा इतनी है कि एक यदि बोले, तो दूसरा भी बोलने खड़ा हो जाता है। अविश्वास प्रस्ताव इस तरह ला रहे हैं, जैसे इससे सरकार गिर जाएगी। हम मजबूत सरकार चला रहे हैं और हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव में हमें 45 वोट मिले हैं, जबकि कांग्रेस और माकपा मिलाकर 23 वोट बनते हैं, जिनमें से एक खराब किसका हुआ, यह जवाब कांग्रेस को देना चाहिए। भाजपा के पास अब भी कांग्रेस से दोगुने विधायक हैं और कल भी रहेंगे। सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। बशर्ते कांग्रेसी विधायक नियमों की परिधि में अपनी बात करें।