मेले, त्यौहार और पर्व हमारी प्राचीन बहुमूल्य लोक सांस्कृतिक विरासत के अभिन्न अंग है। आज के परिवेश में आवश्यक है कि इनके मौलिक स्वरूप को कायम रखते हुए इनके सवंर्धन, प्रचार, प्रसार व इन्हें और भव्य स्वरूप प्रदान करने की दिशा में कार्य किया जाए। यह उद्गार सदर विधायक सुभाष ठाकुर ने स्थानीय बचत भवन में राज्य स्तरीय नलवाडी मेले के प्रबंधन के लिए आयोजित बैठक में प्रकट करते हुए कहा कि नलवाडी मेला कहलूर की संस्कृति का परिचायक है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण दो वर्षो के अंतरात के बाद नलवाडी मेले का आयोजन किया जा रहा है जो जिलावासियों के लिए प्रसन्नता का विषय है। जिला के लोग बड़ी उत्सुकता के साथ नलवाड़ी मेले का इंतजार कर रहे हंै जिसके आयोजन में कोई कमी नहीं रखी जाएगी।
उन्होंने बताया कि मेले के साथ जुडी कुश्ती, वाॅली वाल और कबडडी जैसी स्पर्धाओं में राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाडी व पहलवान भाग लेकर इसकी भव्यता को बढाते है। उन्होने कहा कि इस वर्ष खिलाडियों व पहलवानों को प्रोत्साहित करने के लिए और अधिक प्रयास किए जंाएगें। उन्होंने कहा जिला में साहसिक खेलों की अपार संभावनाएं विद्यमान है तथा मेले में आयोजित की जाने वाली खेल गतिविधियों के साथ पैराग्लाइडिंग को भी सम्मिलित किया जाएगा। सुभाष ठाकुर ने कहा कि नलवाडी मेले को सर्वोत्तम मेला बनाने की दिशा में कुछ नया व बेहतर करने की पहल में समस्त जिला वासियों की सहभागिता नितान्त आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हर वर्ग के मनोरंजन का ख्याल रखा जाएगा तथा बिलासपुर की संस्कृति के प्रचार व प्रसार को भी अधिमान देते हुए प्रदेश के सभी जिलों की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करने का प्रयास किया जाएगा।